निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही रूठ जाए। निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही र...
ये सफर कहाँ जा रहा है मगर गम के साये से गुजर कर मेरा मुस्कुराना मुनासिब है ! ये सफर कहाँ जा रहा है मगर गम के साये से गुजर कर मेरा मुस्कुराना मुनासिब ...
भारतीय के लिए भारतीय के लिए
वो प्यार, क्या प्यार?.. जो ज़ख्मों का हिसाब लगाएगी। वो प्यार, क्या प्यार?.. जो ज़ख्मों का हिसाब लगाएगी।
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
कर्मनिष्ठा और निरंतर प्रयास से उच्च शिखर पर बढ़ती रहो! कर्मनिष्ठा और निरंतर प्रयास से उच्च शिखर पर बढ़ती रहो!